स्वतंत्रता और स्वैराचारी में अंतर है ये बात आज के समाज को समझना चाहिए सभी लोग स्वैराचारी हो जायेंगे तो इसके परिणाम दुखद होगा ये बात विशेषकर आज की युवा पीढ़ी पर लागू होती है तथा कथित लिविंग रिलेसन ये स्वैराचारी है जिसका परिणाम दुखद होता है जो आज काल देल्ही मुंबई और बड़े नगरो के कामकाजी लोगो में स्वैराचारी का चलन बढ़ा है आज स्वैराचारी लोगो आत्म हत्या की ओर बढ़ रहे है और एक समय ऐसा भी आता जब एक साथी दूसरे साथी का संबध में इतंनी कटुता आ जाती है जो जानबर में भी नहीं होता है ये से जानबर भी स्वैराचारी होते है पर जानवर के पास लिखित कानून नहीं होता है अगर इन स्वैराचारी के बच्चे है तो उस बच्चे पर इसका दुष्परिणाम बड़ा दुखद होता है बच्चो का भी अपना एक समाज होता है कोई सबंध में वादा खिलाफी नहीं होनी चाहिए
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